
बिहार के आकाशदीप ने भारत के लिए रांची में हो रहे इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैंच में पदार्पण कर लिया है।रांची टेस्ट मैंच से पहले अनुभवी भारतीय गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के चोटिल हो जाने के कारण आकाशदीप को खेलने का मौका मिला।अपने पहले मैंच के पहली पारी में ही 3 विकेट लेकर आकाशदीप ने इस मौके को शानदार ढ़ग से भुनाया। रांची में खेले जा रहे सीरीज के चौथे मुकाबले में हालांकी इंग्लैंड की दूसरी पारी में स्पिनर के ज्यादा गेंदबाजी करने के कारण आकाशदीप को गेंदबाजी का मौका नहीं मिल पाया ।टेस्ट मैंच से पहले पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर व वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड ने परंपरा के अनुसार भारतीय टेस्ट टीम की टोपी आकाशदीप को प्रदान किया। साथ ही आकाशदीप के संघर्षपूर्ण क्रिकेट यात्रा का जिक्र करते हुए उन्हें व उनके परिवारवालों को शुभकामनाएं दी।मैंच के दौरान आकाशदीप की माता व परिवार के कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे।आकाशदीप के टेस्ट मैंच में पदार्पण से उनके जिले सासाराम (रोहतास) सहित पूरे बिहार में खुशी का माहौल है। वैसे आकाशदीप का भारतीय टेस्ट टीम से पदार्पण करने का सफर इतना आसान नहीं था। सासाराम में क्रिकेट का माहौल न होने व बिहार क्रिकेट संघ की सदस्यता रद्द होने के कारण दिल्ली का रूख किया। दिल्ली से फिर वह बेहतर अवसर की तलाश में बंगाल चले गए। कोलकाता में क्लब क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन के जरिए बंगाल रणजी टीम में उन्हें जगह मिल गई। बंगाल के लिए रणजी मैंच में उन्होंने 100 से अधिक विकेट लिए। आईपीएल में भी उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था आरसीबी के लिए। हाल में ही भारतीय ए टीम के लिए उन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भी शानदार प्रदर्शन किया था। जिसके बाद उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के साथ जोड़ा गया था।आकाशदीप के जीवन में सबसे कठिन दौर तब आया जब उन्होंने छह माह के भीतर अपने पिता व बड़े भाई को खो दिया था। घर की सारी जिम्मेदारी आ जाने के कारण आकाशदीप को 3 वर्षों तक क्रिकेट छोड़ना पड़ा था।उसके बाद फिर से उन्होनें क्रिकेट में वापसी की जिसके बाद उन्होनें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आकाशदीप की सफलता से बिहार के युवाओं में भी एक नयी उम्मीद जगी है।आकाशदीप ने यह साबित कर दिया की अगर आपमें प्रतिभा व जिद हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।